मंगलवार, 13 फ़रवरी 2024

किसी गिर रहे को उठाते-उठाते

किसी गिर रहे को उठाते-उठाते 

खुदी गिर गए हम बचाते- बचाते 

किसी भूख से बिलबिलाते हुए को 

किसी वक्त की मार खाते हुए को 

जमाने के हाथों सताते हुए को 

खुदी मर गए हम बचाते खिलाते 

-श्रीनारायण शुक्ल, १०-फरवरी-२०२४ 

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