शनिवार, 30 दिसंबर 2023

तेइस बीता आया चौबीस: यह वर्ष मंगलमय हो

वर्ष नूतनहर्ष नूतनउग रहा है सूर्य नूतन!

साँस नूतनआस नूतनजीत का विश्वास नूतन!

पत्र नूतनचित्र नूतनबन रहे हैं मित्र नूतन!

भाव नूतनचाह नूतनधरा नूतनराह नूतन!


प्रात नूतनदिवस नूतनशाम का सूर्यास्त नूतन

चाय का है पात्र नूतनभोज का है स्वाद नूतन 

नया पन्नाकलम नूतनलिख रही है काव्य नूतन 

वर्ष मंगलमय रहे यहनित्य दे सौगात नूतन!


-श्री नारायण शुक्ल-जनवरी-२०२४

कुछ मेरे मन की तू जाने

कुछ मेरे मन की तू जाने कुछ तेरे मन की मैं जानूँ  कुछ मेरे आँसू तू पी ले  कुछ तेरे गम मैं पहचानूँ  मन को मन का, मन से जो मिला जीवन हर्षित कर ...