शनिवार, 28 जनवरी 2023

भ्रष्टाचार के पाये चार

भ्रष्टाचार के पाये चार-
पहले पाये बैठे नेता, 
दूजे पाये पर अधिकारी, 
तीजे पर बैठे व्यापारी, 
चौथे पर हैं पत्रकार. 

नेता जी का पेट अथाह, 
गुण्डों को हैं दिये पनाह, 
रुपये पैसे की है गाह, 
फिर भी इनकी मिटे न चाह.

साहब की मत पूछो बात, 
नेता जी से सांठ-गांठ, 
हिस्सा खाते हैं, मिल-बांट, 
कोई न पाये इनके ठाठ. 


साहूकार भी साझेदार, 
रुपये का है चमत्कार, 
इनकी जेब मे है सरकार, 
तेल के इनकी देखो धार. 

प्रेस के पीछे साहूकार, 
नहीं है सच्चा पत्रकार, 
जिसकी खाए, उसकी गाए, 
मालिक का हो बेड़ापार. 
जनता का हो बंटाधार, 
भ्रष्टाचार के पाये चार..

-श्री नारायण शुक्ल

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